Somvati Amavasya सोमवती अमावस के दिन क्या करें कि हमारे पित्र दोष व अन्य सभी प्रकार के दोष शांत हो और सभी कार्य बने ऐसा क्या करें आगे बताते हैं
आज पहले तो यह समझ लेते हैं कि अमावस का मतलब क्या होता है
अमावस का मतलब एक ही मतलब निकालते हैं सभी लोग कि जो व्यक्ति चले गए या फिर बड़े बुजुर्ग चले गए या फिर जो भी गया उसको पितरों को मांडवी वगैरह जो काटी जाती है वह या फिर उनकी आत्मा को शांति देने के लिए अमावस निकाली जाती है यही कहते हैं और कुछ आगे कुछ है नहीं
अमावस का मतलब होता है 1 महीने में जो भी आपने काम किया है उसके अंदर से आपने किसी को दान तो नहीं दिया होगा दिया है तो अच्छी बात है नहीं दिया तो इस दिन आप कुछ दान कर लीजिए कुछ धर्म कर लीजिए चाहे अमावस कह लीजिए या कोई त्यौहार कह लीजिए या किसी मंदिर पर दान करना भंडारा करना है या किसी लड़की की शादी करनी या कोई लड़के की शादी करनी मतलब किसी भी प्रकार का भंडारा करना या कोई कांटा हाय या कोई रोड आप समझ रहे होंगे मैं क्या कहना चाह रहा हूं मेरा कहने का मतलब यह है
मेरा कहने का मतलब यह है कि आप को धर्म करना पड़ेगा हर मॉस्को हर व्यक्ति कुछ ना कुछ धर्म हर अमावस को करता है और अब तो सोमवार की अमावस आ रही है इसलिए सोमवार की अमावस में तो ज्यादा से ज्यादा गर्म किया जाता है और जहां तक मेरा मानना है कि जहां धर्म होता है वहां सब कुछ होता है और धर्म के पीछे ही सब कुछ चल रहा है चाहे उसको अमावस का धर्म के लीजिए या किसी भंडारे का धर्म कह लीजिए या किसी गरीब को दिया हुआ दान कर लीजिए कैसे भी कुछ भी कह लीजिए कहने का मतलब यह है कि अपनी कमाई के अंदर से कुछ दान के रुप में देना ही धर्म कहलाता है
ऐसा करने से पित्र दोष भी खत्म हो जाता है ऐसा करने से सभी प्रकार की बाधाएं भी खत्म हो जाती है ऐसा करने से दुश्मनी तक की खत्म हो जाती है और इस पर अधिक से अधिक धर्म करने से आपके सामने वाला दुश्मन तक खत्म हो जाता है क्या बात करते हो धर्म बहुत बड़ी चीज है कुत्ते को खिलाओ गाय को खिलाओ कव्वे को खिलाओ यही तो होता है अमावस के दिन किसी गरीब आदमी को दान देना मैं ही नहीं कहूंगा यह चीज देना ही चीज देना नहीं सर जो देबू ही अच्छा है और वहीदा लगता है